“बाजार की असफलता” शब्दावली का ज्यादातर इस्तेमाल राजनेता, पत्रकार, विश्वविद्यालय और अर्थशास्त्र के उच्च श्रेणी के छात्र और शिक्षक करते हैं। हालांकि जो लोग इस शब्दावली का इस्तेमाल करते हैं, प्रायः उन्हें इस बात की बिल्कुल समझ नहीं होती है कि सरकार के पास इस संकट को दूर करने की कितनी क्षमता है। ऐसा मुख्य रूप से सामान्य ज्ञान की कमी और सार्वजनिक चयन वाले अर्थशास्त्र के प्रति अनभिज्ञता के कारण होता है। इसकी वजह से सामान्य बातों और आर्थिक मुद्दों को वह सार्वजनिक चयन सिद्धांत के नजरिए से नहीं देख पाते हैं।
एमॉन बटलर ने इस जटिल आर्थिक प्रक्रिया को बहुत ही बेहतरीन तरीके से अपने पुस्तक में पेश किया है। लेखक ने पाठकों को यह समझाने की कोशिश की है कि बाजार की अफसलता को दूर करने में सरकार की भी कुछ सीमाएं होती है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया है कि कैसे मौजूदा राजनीतिक प्रक्रिया के प्रारूप को तय करने में सार्वजनिक चयन अर्थशास्त्र सहायक साबित हो सकता है।
यह पुस्तक उन सभी लोगों को एक बेहतरीन सामग्री उपलब्ध कराती है, जो जन हित वाली आर्थिक नीति में सरकार की भूमिका को कैसे बेहतर बनाया जाए, उसे समझना चाहते हैं।
एमॉन बटलर
Blue Curriculum for Life
Learning Journey for Sustainability
When we refer to the ‘Blue Curriculum,’ we do not confine the term to the conventional notion of a set of academic courses.