प्रधानमंंत्री नरेंद्र मोदी पुराने और बेकार कानूनों के समापन को लेकर अपने पहले कार्यकाल से ही काफी गंभीर रहे हैं। इस मुद्दे को उन्होंने न केवल चुनावी रैलियों में जोर शोर से उठाया बल्कि सरकार का गठन होने के बाद इस पर तेजी से काम भी किया। पहले कार्यकाल में जहां 2 हजार से अधिक कानूनों का समापन हुआ वहीं दूसरे कार्यकाल में भी यह काम लगातार जारी है। हाल ही में केंद्र सरकार ने अपने सभी मंत्रालयों को पत्र लिखकर जल्द से जल्द अपने विभागों से संबंधित अप्रासंगिक और बेकार कानूनों की सूची सौंपने को कहा है ताकि उन्हें शीघ्र समाप्त किया जा सके..। आजादी पॉडकास्ट के इस एपिसोड में आजादी.मी के संपादक और होस्ट अविनाश चंद्र इसी मुद्दे पर बातचीत कर रहे हैं सेंटर फॉर इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी की हेड डॉ. नीति शिखा से.. सुनिए

Spontaneous Dialogue Ep 13: Fishes, Fisherfolk, and a Human Rights-based approach
The marine fisheries sector in India is going through a major transformation, with new regulations put in place.